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आज नहीं तो कल बदलेंगे मौसम के हालात / ओम प्रकाश नदीम

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आज नहीं तो कल बदलेंगे मौसम के हालात ।
कुछ तो हद है आख़िर कब तक होगी ये बरसात ।

प्यार-मोहब्बत, इश्क़-ओ-वफ़ा के इंसानी जज़्बात,
मुफ़्त मिले हैं हमको, हम भी बाँटेंगे ख़ैरात ।

सूरज को गन्दा करने का देख रहे हैं ख़्वाब,
आँधी के झोंके में ज़र्रे भूल गए औक़ात ।

कुछ अंगारे इसने डाले कुछ डाले उसने,
मुझको जला कर सेंक रहे हैं दोनों अपने हाथ ।

इस दुनिया में मैनें देखी हैं दो दुनियाएँ,
इक दुनिया में दिन होता है इक दुनिया में रात ।