http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%86%E0%A4%9C_%E0%A4%AC%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4_%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8_/_%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A0&feed=atom&action=historyआज बसंत पंचमी का दिन / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ - अवतरण इतिहास2024-03-29T02:04:02Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%86%E0%A4%9C_%E0%A4%AC%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4_%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%AE%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8_/_%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A0&diff=274684&oldid=prevसशुल्क योगदानकर्ता ५: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया2020-04-12T09:45:06Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>{{KKGlobal}}<br />
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|रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ<br />
|अनुवादक=<br />
|संग्रह=मीठी मीठी लोरियाँ और प्रभातियाँ / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ<br />
}}<br />
{{KKCatBaalKavita}}<br />
<poem><br />
जागो बेटी देखो उठकर<br />
कैसा उजला हुआ सवेरा<br />
कोयल कुह-कुह बेल रही है<br />
स्वागत करती है यह तेरा<br />
<br />
आज बसंत पंचमी का दिन<br />
पूजेंगे सब सरस्वती को<br />
विद्या कि देवी है यह तो<br />
देती है वरदान सभी को<br />
<br />
उठो अभी मंजन कर लो तुम<br />
फिर तुमको नेहलाऊँगी<br />
बासनती कपड़े पहनकर<br />
चन्दन तिलक लगाऊँगी<br />
<br />
पूजा करके हम तीनों ही<br />
पीले चावल खायेंगे<br />
दादा बांटेंगे प्रसाद तो<br />
सब ही मिलकर पायेंगे।<br />
<br />
उसके बाद सैर करने को<br />
हम बगिया में जायेंगे<br />
सरसों फूली बौर आम में<br />
देख देख सुख पायेंगे<br />
<br />
नीलकंठ पक्षी भी हमको<br />
दर्शन देने आयेगा।<br />
आज बसन्त पंचमी का दिन<br />
तभी सफल हो पायेगा।<br />
</poem></div>सशुल्क योगदानकर्ता ५