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आज मेरा दिल न जाने, इतना क्यूँ उदास है / सिया सचदेव

आज मेरा दिल न जाने, इतना क्यूँ उदास है
इक घुटन सी दिल में हैं कैसा ये एहसास है
 
रौशनी भी अब दियों की, फूंकती है घर मेरा
आग को भी मेरे घर से, दुश्मनी कुछ खास है
 
मैं तेरी तस्वीर दिल में, रख रही हूँ आज तक
इक तसव्वुर से ही तेरे जागती ये प्यास है
 
साथ तेरा गर मिले, किस्मत से शिकवा ना रहे
आये मुश्किल ज़िन्दगी में वो भी हमको रास है
 
क्यूं मुझे ठुकरा रहे हो, आप दौलत के लिए
वो कहाँ मुफ़लिस है आख़िर इश्क जिसके पास है
 
मैं "सिया" हूँ ज़िन्दगी से प्यार मुझको है बहुत
मुझको तो हर एक पल से बस ख़ुशी की आस है