Last modified on 14 जून 2015, at 00:23

आतंकवादी / तेनजिन त्सुंदे

मैं एक आतंकवादी हूँ
मुझे हत्या करने में आनन्द आता है ।

मेरे सींग हैं
दो विषैले दाँत
और ड्रैगनफ्लाई की पूँछ ।

अपने घर से भगाया हुआ मैं
डर के मारे छिपा हुआ
बचाता अपना जीवन
दरवाजे भेड़े जाते मेरे चेहरे पर ।
लगातार लगातार नहीं मिलता न्याय
धैर्य का इम्तिहान लिया जाता है
टेलीविजन पर, तोड़ा जाता हुआ
एक ख़ामोश बहुमत के सामने
दीवार से सटाया गया,
उस मृत छोर से
लौट कर आया हूँ मैं,

मैं हूँ वह अपमान
जिसे तुमने निगला था
चपटी नाक के साथ ।

मैं हूँ वह शर्म
जिसे दफ़नाया था तुमने अँधेरे में ।
मैं आतंकवादी हूँ
गोली मार गिरा दो मुझे

डर और कायरता
मैं छोड़ आया था
घाटी में
मिमियाती बिल्लियों
और जीभ लपलपाते कुत्तों के बीच ।

मैं अविवाहित हूँ
खोने को
कुछ नहीं मेरे पास ।

मैं बन्दूक की गोली हूँ
मैं कुछ नहीं सोचता ।

टीन के खोल से
मैं झपटता हूँ
उस दो सेकेण्ड के जीवन के रोमांच के लिए
और मर जाता हूँ मृतकों के साथ ।
मैं जीवन हूँ
जिसे तुम छोड़ आए थे पीछे ।