भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आपंणौ रंग / पूर्ण शर्मा पूरण

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:25, 16 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आऔ टाबरौ आऔ लाडी
आऔ चलावां पगां गाडी
किरतिया लेले रावंणहत्थौ
थूं ई आज्या भादर ढाढी
धोळौ उरंणियौ, गोरौ बाच्छौ
साथै टोरल्यौ काळी पाडी
टीबै री झौ कातीसरौ करां
तेजौ गावां बीजां साढी
ऊकळां जेठ, भीजां सावंण
धंवर री चादर ओढां जाडी
डाकंणियै जोड़ै नाव चलावां
गुच्ची मारां काळती नाडी
रोड कढांवां, टोपी ओढां
पगड़ी बांधां ठाडी ठाडी
सगळा रंग कुंणसै रंग मांय
आऔ आऔ बूझां आडी।