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आपको आज़ादी है / अरुण देव

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आपको हक़ है अभिव्यक्ति का
मूलभूत है
अखण्ड है

हम देखेंगे कि आपने क्या कहा है
जन को आपके लेखन से कोई ख़तरा तो नहीं ?

आपको हक़ है अपने धर्म के प्रचार-प्रसार-संरक्षण का

दबाव में जो लोग बदल रहें हैं अपना ईमान
उनकी सूचियाँ हैं हमारे पास
अच्छे से जाँच पड़ताल की जाएगी

ये लालची लोग !

आपको हक़ है रँगों का
स्वाद का
साथी का

हम परखेंगे कि क्या पका है पतीले में आपके
और यह प्रेम
कोई षड्यन्त्र तो नहीं इस राष्ट्र राज्य के ख़िलाफ
रँग भी भेद खोलते हैं

आप कहीं भी रह सकते हैं
यह देश आपका है
उद्यम आप जो चाहें करें

यहाँ यहाँ और यहाँ आप हमेशा बाहरी ही रहेंगे
और तब तक आप दिखें बिलकुल भी नहीं
जगह न घेरें

आपसे उम्मीद है कि आप वैज्ञानिक चेतना का प्रचार-प्रसार करेंगे

सावधान ! इसके लिए आपकी हत्या की जाएगी

राष्ट्र किसी भी और किसी के भी
मज़हबी मसलों में निरपेक्ष रहेगा

मन्दिर तो वहीं बनेगा
और सकीना का तलाक़ कोर्ट के बाहर तय है
यह तय हो

हर नागरिक की गरिमा अक्षुण रखी जाएगी

हंसे नहीं

यह हंसी राष्ट्रद्रोह है
जज साहब के निर्णय देने से पहले वक़ील साहबान आपको सज़ा देंगे ।