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आपसे प्यार है / कैलाश झा 'किंकर'

आपसे प्यार है
प्यार संसार है।

नफरतों से मिली
आपको हार है।

आपके बाग़ में
फूल है, ख़ार है।

ज्ञान का आप में
पूर्ण भंडार है।

आपकी ज़िंदगी
जैसे आधार है।

दोस्त कैसे कहूँ
वह गुनहगार है।