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आपां मिलस्यां / कुमार अजय

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आपां मिलस्यां साथण!
गुवाड़ मांय बाजतै नगाड़ै री गूंज माथै
घलती गींदड़ रै गेड़ मांय
बाजतै डफ अर नाचतै रसियां बिचाळै
भंवरसिंह दादोसा रै होठां धरीजी बांसरी
अर प्रभु ताऊ रै पगां बध्ंयै घुघरियां साथै
झूमती रात सूं
कीं छिण उधारा लेयनै
लिच्छू दादै रै आरै री ढाळ लांघनै
आथूणै कुवै री ओट मांय
हड़मानजी रै जूंनै थांन कनै।

आपां मिलस्यां साथण!
गणगौर रै दिन मिनखां सूं भरîौ हुयसी गुवाड़
कठै ई नीं हुयसी पग धरणै री ठौड़
गढ़ कानी सूं आवती हुयसी गणगौर री सवारी
थूं ई बास-गळी री छोरियां साथै
जावती हुयसी देखणै सारू मेळौ
अर म्हैं बावड़तौ हुयसूं
बोड़ियै कुवै कनै बण्यै
कुस्ती रै अखाड़ै कांनी बेलियां साथै
तद कनैकर निसरता थकां
नैणां री बांथ पसारनै
तद आपां मिलस्यां।

आपां मिलस्यां साथण!
होळी मंगळाणै रै मुहूर्त सूं ठीक पैलां
जद जावतौ हुयसी सगळौ गांव
होळी री झळ लेवणै सारू
चंग गावतौ, वीं ई भीड़ मांय रैस्यूं म्हैं
अर थूं ई बावड़ती हुस्यी
बड़कूलियां चढायनै अर सूण रा पिंडिया लेयनै
तद वीं बड्ढै वाळी बडाळ बेरड़ी कनै
बस दोय ई छिण थम्मनै
आपां मिलस्यां
अर थाम लेस्यां छिणां नै ई।

हां, आपां अवस मिलस्यां साथण
हर होळी, दियाळी, गणगौर
हरेक बार-तिंवार, मौकै-बेमौकै
आवता-जावता हरमेस
इण जलम ई नीं, हरेक जलम मांय
आपां मिलस्यां
मिलता ई रैस्यां।