Last modified on 19 जुलाई 2019, at 23:37

आप अपना ग़म छिपाना सीखिये। / अनीता मिश्रा

आप अपना ग़म छिपाना सीखिये।
सोच कर रिश्ता बनाना सीखिए.

मार डालेगी सियासत ये तुम्हें
अब तो इससे बाज आना सीखिए.

ज़ख्म भी हँसने लगेंगे कर यकीं
दर्द में बस मुस्कराना सीखिये

लोग शातिर हैं उड़ाएँगे हँसी
राज अपने भी छिपाना सीखिए.

आदमी मर जायेगा घुटकर यहाँ,
गीत कोई गुनगुनाना सीखिए.

इश्क़ में बाजी अनीता हारती,
आप पहले दिल लगाना सीखिए.