|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<Poem>
आप ख़ुशकिस्मत हैं कि चीख़ सकेंगे
जब पूरा संसार किसी उलझे हुए उड़नखटोले से लटक कर किसी और आकाशगंगामें बसने के लिए फ़रार होने की कोशिश कर रहा होगा
आप वापिस इसी आकाशगंगा की ओर कूदेंगे, कूदते हुए आपके पास कोईपेराशूट न होगा पर आपको यह याद होगा कि आप सीधे शून्य में भी गिर सकतेहैं
आप दूसरों को देखेंगे और शायद मुस्कुराने की कोशिश भी करेंगे औरऔर हाँ आपके चेहरे पर होगी सन्तुष्टि कि और कुछ न सही साहस तो है आपके पास
उधर हम मेंसे अधिकांश यूँ बेफ़िक्र होंगे मानो ये किसी हो चुकी दुर्घटना कादृश्य है
अपना भविष्यफल हमने इतना देख लिया था कि हमारे पास भविष्य की भी एकस्मृति थी
</poem>