भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आप दुनिया भर से उल्फत कीजिये / नातिक़ लखनवी

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:46, 29 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= नातिक़ लखनवी }} {{KKCatGhazal}} <poem> आप दुनिया भर से उल्फत की…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आप दुनिया भर से उल्फत कीजिये
मुझको मेरा दिल इनायत कीजिये

ज़ब्त से क्या खून-ए-हसरत कीजिये
एक नाला कर के फ़ुर्सत कीजिये

जोअफ़ कहता है के मंजिल दूर है
शौक़ कहता है की हिम्मत कीजिये

गर्क ही होना था मंज़ूर-ए-खुदा
न-खुदा की क्या शिकायत कीजिये

हज़रात-ए-'नातिक' जहाँ तक हो सके
अपने दिल में ज़ब्त-ऐ-उल्फत कीजिये