Last modified on 9 जुलाई 2020, at 21:46

आभास / विजयशंकर चतुर्वेदी

उठा नहीं हूँ उठ-सा गया हूँ
गिरा नहीं हूँ गिर-सा गया हूँ

भरा नहीं हूँ भर-सा गया हूँ
डरा नहीं हूँ डर-सा गया हूँ

जिया नहीं हूँ जी-सा गया हूँ
मरा नहीं हूँ मर-सा गया हूँ।