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आयी हिमगिरि लाँघ लुटेरों की टोली फुफुकारती / गुलाब खंडेलवाल
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00:10, 2 जून 2010
आयी हिमगिरि लाँघ लुटेरों की टोली फुफुकारती
चालीस कोटि
की
सुतों की जननी
आज
खड़ी
अधीर पुकारती
आज हिमालय के शिखरों से स्वतंत्रता ललकारती
शीश चढ़ा दे जो स्वदेश पर वही उतारे आरती
Vibhajhalani
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