Last modified on 23 मार्च 2015, at 19:48

आयो-आयो चैतडल्या रो मास जी / निमाड़ी

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:48, 23 मार्च 2015 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आयो-आयो चैतडल्या रो मास जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी। ईसरदासजी पेचडल्या मेँ टाँक सी जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी। बहू ओ गोराँदे रे चुडले रे माँय जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी बेटा जी पेचडल्या मेँ टाँक सी जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी। बहू रे चुडले रे माँय जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी।