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आयो-आयो चैतडल्या रो मास जी / निमाड़ी

आयो-आयो चैतडल्या रो मास जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी। ईसरदासजी पेचडल्या मेँ टाँक सी जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी। बहू ओ गोराँदे रे चुडले रे माँय जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी बेटा जी पेचडल्या मेँ टाँक सी जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी। बहू रे चुडले रे माँय जी,
 जँवारा जतन कर राखज्यो जी।