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आयो महीनो भादों को / गढ़वाली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आयो महीनो भादों को।
मन समझादूं<ref>समझाती</ref> बौत<ref>बहुत</ref>।
या मिली जादों स्वामी जी
या प्रभु देदो मौत।

शब्दार्थ
<references/>