Last modified on 31 मई 2010, at 13:12

आर्षवाणी / सुमित्रानंदन पंत

दीपशिखा महादेवी को
दीपशिखे, तुमने जल जल कर ऊर्ध्व ज्योति की वर्षण,
ये आलोक ऋचाएँ तुमको करता सहज समर्पण।