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"आली बहु वासर, बिताए ध्यान धरि-धरि / सोमनाथ" के अवतरणों में अंतर

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अंगन में अधिक, विनोद सरसावेंगे॥
 
अंगन में अधिक, विनोद सरसावेंगे॥
  
 
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'सोमनाथ हरै-हरै, बतियाँ अनूठी कहि,
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गूढ बिरहानल, की तपनि बुझावेंगे।
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सबही तैं प्यारे प्रान, प्रानन तें प्यारे पति,
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पतिँ तैं प्यारे ब्रजपति आज आवेंगे।
 
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19:07, 29 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

आली बहु वासर, बिताए ध्यान धरि-धरि,
तिनको सुफल, नैन दरसन पावेंगे।
होत हैं री सगुन, सुहावने प्रभात ही तैं,
अंगन में अधिक, विनोद सरसावेंगे॥

'सोमनाथ हरै-हरै, बतियाँ अनूठी कहि,
गूढ बिरहानल, की तपनि बुझावेंगे।
सबही तैं प्यारे प्रान, प्रानन तें प्यारे पति,
पतिँ तैं प्यारे ब्रजपति आज आवेंगे।