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आहे सखि आहे सखि / विद्यापति

आहे सखि आहे सखि लय जनि जाह !
हम अति बालिक आकुल नाह !

गोट-गोट सखि सब गेलि बहराय !
ब केबाड पहु देलन्हि लगाय !

ताहि अवसर कर धयलनि कंत !
चीर सम्हारइत जिब भेल अंत !

नहि नहि करिअ नयन ढर नीर !
कांच कमल भमरा झिकझोर !

जइसे डगमग नलि निक नीर !
तइसे डगमग धनिक सरीर !

भन विद्यापति सुनु कविराज !
आगि जारि पुनि आमिक लाज !