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"आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त! घबराता हूँ मैं / जिगर मुरादाबादी" के अवतरणों में अंतर
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जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं॥ | जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं॥ | ||
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क्या करूँ बेअख़्तयाराना चला जाता हूँ मैं॥ | क्या करूँ बेअख़्तयाराना चला जाता हूँ मैं॥ | ||
− | मेरी हस्ती | + | मेरी हस्ती शौक़-ए-पैहम, मेरी फ़ितरत इज़्तराब। |
कोई मंज़िल हो मगर गुज़रा चला जाता हूँ मैं॥ | कोई मंज़िल हो मगर गुज़रा चला जाता हूँ मैं॥ | ||
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15:43, 27 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त! घबराता हूँ मैं।
जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं॥
कू-ए-जानाँ की हवा तक से भी थर्राता हूँ मैं।
क्या करूँ बेअख़्तयाराना चला जाता हूँ मैं॥
मेरी हस्ती शौक़-ए-पैहम, मेरी फ़ितरत इज़्तराब।
कोई मंज़िल हो मगर गुज़रा चला जाता हूँ मैं॥