आ गया प्यार का जमाना है।
उम्र भर अब तो मुस्कुराना है॥
जाने कब मुझको अलविदा कह दे-
जिन्दगी का कोई ठिकाना है।
मिलके गाते थे गीत जो हम-तुम-
फिर लबों पर वही तराना है।
तेरे-मेरे ये दरमयाँ हमदम-
सिलसिला प्यार का पुराना है।
ऐ सनम तुझपे सब लुटा दूँगी-
पास जो प्यार का ख़जाना है।
शब गुज़ारी है किस तरह मैंने-
हाले-दिल ये उन्हें सुनाना है।
मौसमे-गुल को देखकर शायद-
फिर सुनीता का दिल दीवाना है।