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"आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते (ढोला) / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर

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आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते
 
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दीवा बाल रक्खाँ खनगाहाँ ते
 
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तेरीयाँ मन्नताँ
 
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जीवें ढोला !
 
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मंजी बाण दी--
 
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ढोले दीया 'रमजां' मैं सब्बे जाणदी--
ढोले दीया 'रमजां' मैं सम्भे जाणदी--
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'''भावार्थ'''
 
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--'आओ ढोला, इन रास्तों पर
 
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मैं खानकाह(पीर की समाधि) पर दीया जलाए रखती हूँ
 
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तेरी मनौती मानती हूँ
 
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जीते रहो ढोला !
 
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बान की बुनी हुई खाट है
 
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ढोला के मर्म की बातें मैं समझती हूँ !'
 
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04:25, 26 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आ ढोला इन्हाँ राहाँ ते
दीवा बाल रक्खाँ खनगाहाँ ते
तेरीयाँ मन्नताँ
जीवें ढोला !

मंजी बाण दी--
ढोले दीया 'रमजां' मैं सब्बे जाणदी--

भावार्थ

--'आओ ढोला, इन रास्तों पर
मैं खानकाह(पीर की समाधि) पर दीया जलाए रखती हूँ
तेरी मनौती मानती हूँ
जीते रहो ढोला !

बान की बुनी हुई खाट है
ढोला के मर्म की बातें मैं समझती हूँ !'