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"इक बार कहो ना मीत मेरे / पवन कुमार मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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इक बात चाहता हूँ सुनना
 
इक बात चाहता हूँ सुनना
 
तुम जब-जब बाते करती हो
 
तुम जब-जब बाते करती हो
इक बार कहो ना मीत मेरे
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इक बार कहो ना मीत मेरे,
 
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो
 
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो
  
 
इस दिल को कैसे समझाऊँ
 
इस दिल को कैसे समझाऊँ
 
लोगो को क्या मैं बतलाऊँ
 
लोगो को क्या मैं बतलाऊँ
है पूछ रहा ये जग सारा
+
है पूछ रहा ये जग सारा,
 
तुम मेरी क्या लगती हो
 
तुम मेरी क्या लगती हो
  
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इक नए विश्व कि रचना कर दूँ
 
इक नए विश्व कि रचना कर दूँ
 
और अंतहीन आकाश बना दूँ
 
और अंतहीन आकाश बना दूँ
इक बार काँपते होठों से
+
इक बार काँपते होठों से,
 
तुम कह दो मेरी धरती हो
 
तुम कह दो मेरी धरती हो
 
इक बार कहो ना मीत मेरे
 
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो
 
 
याद तुम्हारी छू जाती है
 
मन में अकुलाहट भर जाती है
 
इस पार हूँ मै उस पार खड़ी तुम
 
बीच में नदिया बहती है
 
  
 
इक बार कहो ना मीत मेरे
 
इक बार कहो ना मीत मेरे
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बात ज़बाँ की दिल कहता है
 
बात ज़बाँ की दिल कहता है
कहो ना कहो ये सब सुनता है
+
मौन की भाषा को गुनता है
चाँद बताता है मुझको तुम
+
मुझसे चाँद कहा करता है,
सदियों से मुझ पर मरती हो
+
तुम भी तो मुझ पर मरती हो
  
 
इक बार कहो ना मीत मेरे
 
इक बार कहो ना मीत मेरे
 
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो   
 
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो   
 
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12:01, 15 जून 2012 के समय का अवतरण

इक बात चाहता हूँ सुनना
तुम जब-जब बाते करती हो
इक बार कहो ना मीत मेरे,
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो

इस दिल को कैसे समझाऊँ
लोगो को क्या मैं बतलाऊँ
है पूछ रहा ये जग सारा,
तुम मेरी क्या लगती हो

इक बार कहो ना मीत मेरे
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो

इक नए विश्व कि रचना कर दूँ
और अंतहीन आकाश बना दूँ
इक बार काँपते होठों से,
तुम कह दो मेरी धरती हो

इक बार कहो ना मीत मेरे
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो

बात ज़बाँ की दिल कहता है
मौन की भाषा को गुनता है
मुझसे चाँद कहा करता है,
तुम भी तो मुझ पर मरती हो

इक बार कहो ना मीत मेरे
तुम मुझसे मुहब्बत करती हो