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इक मुश्तरका रकबा हूँ / विज्ञान व्रत

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इक मुश्तरका रकबा हूँ
जाने किसका कितना हूँ

जंग लगा दरवाजा हूँ
मैं मुश्किल से खुलता हूँ

सदियों बाद बनेगा जो
मैं उस घर का नक्शा हूँ

पल भर में क्या समझोगे
मैं सदियों में बिखरा हूँ

दानिश्वर क्या समझेंगे
मैं बच्चों की भाषा हूँ