भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इच्छा / भास्कर चौधुरी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:46, 12 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भास्कर चौधुरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

घास को देखो
बार-बार उग आते हैं
 
नाखून बार-बार बढ़ जाते हैं
वैसे ही बाल भी
 
कितनी ज़िद है इनमें
उम्र से ज़्यादा जीने की
इच्छा
बने रहने की...