भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा / राजस्थानी
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:53, 9 सितम्बर 2016 का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो नी बाईसा रा बीरा लहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोलालहेरियो सा
म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा
म्हारा सुसराजी तो दिल्ली रा राजवी सा
म्हारा सासूजी तो गढ़ रा मालक सा
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोलालहेरियो सा