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इतियास अर विज्ञान / गौतम अरोड़ा

क्यूं कूका करै बावळा
लोग गैलो कैवै
कीं नूंवो नीं कर्यो है म्हैं
आ ईज है रीत,
इण रीत रो, आपरो पूरो इतियास है
औ इतियास म्हाणौ ईज दास है
इतियास अर विज्ञान में घणौ फरक व्है बावळा
अेक प्रयोग कित्तो ई करो
कित्ता ई बरस पछै करो
नतीजो, वो रो वो
इतियास पाना फाड्यो अर बदळगौ।
बंद कर कूंका बावळा,
लोग गैलो कैवै
कीं नूवों नीं कर्यो है म्हैं
आ ईज है रीत
इण रीत रो, आपरो पूरो इतियास है।
देख, कीड़ी नगरां मांय भी
राणी राज करै, कर कीड़ी काज करै।
बरसां बरस
बडेरा काटता रह्या चारो
दोय मुट्ठी दाणै सारू
बरसां
सेठाणियां टाबरां सूं लिपायती रैई आंगणौं
कटारो छाछ दिखाय’र
बरसां रह्या आगूंच तिजोरियां अडाणै
अर बावळा, थूं बता
करसां ने कद मिल्या हां, मैणता रा दाम
बंद कर कूकां बावळा,
लोग गैलो कैवै,
कीं नूवो नीं कर्यो है म्है,
आं ईज है रीत
बरसां सीता दी परीक्षा, अर द्रोपदी लागी दांव
बरसां बडै घरां रैई
नगरवधू अर देवदास्यां
बरसां पूग्यौ है डोळो राज रै
केई मांवां अर बींदणियां
आस्थां रो पाणी मार
होयीजगी पाणी सारू
अरे, कोई राजकुमार्यां
परणाईगी सींवां सारू
बंद कर कूकां बावळा
लोग गैलो कैवै
कीं नूंवौं नीं कर्यो है म्हैं
आं ईज है रीत
इण रीत रो आपरौ पूरो इतियास है
बावळा,
राज बदळ्या सूं कद बदळी ही रीत
थनै कांई अजै है उम्मीद
अरे, परीक्षा लेवणियों राम
द्यूत हारयो युधिष्ठर
नगर वधुआं रैंवती
चंद्रगुप्त रै राज
अर मुगलां रो इतियास, थूं ई पढ्यो
वाणै पूठला गोरां
कांई भलो कर्यो व्है
थूं तो खुद लड्यो हो वाणै स्यूं
बता किण सारू
अर अै, नूंवा राजा
वा बावळा वा !
थनै यां सूं है उम्मीद
बंद कर कूकां बावळा
लोग गैलो कैवै
कीं, नूंवो नी कर्यो है म्हैं
आं ईज है रीत

हां,
ठीक फरमायौ मालकां
आ ईज है रीत
म्है बावळो, कूकां कर
सफा गाळ्यौ टैम
बिरथा पाळ लिया सुपनां
रीत बदळण री जोवतो रैयो बाट,
इतियास खुदो-खुद नी बदळै,
पण मालकां, याद रैवै
इतियास बीतयौड़े काल री सनद है
विज्ञान आवणियै काल री उम्मीद
अर म्है
इतियास कांधै धर्यां
उडूंला विज्ञान रै पाण
चौखो है ओ पान्नो फाड्या बदळै
अब के पान्नो म्हैं फाडूंला।