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इन बाँझ सपनों पर / विजय चोरमारे / टीकम शेखावत

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इन बंजर सपनों पर
छिड़ककर गुलाल
पहुँचा दो नदी के रास्ते
’राम नाम सत्य है’ कहते हुए

जी करे तो जुत जाओ
किसी भजनमण्डली के आगे
‘हम चलते है अपने गाँव
सभी को राम राम’

मूल मराठी से अनुवाद — टीकम शेखावत