हर लुत्फ़ अकेले ही उठाने में जुटा है...
बदली की सब अँगडाइयाँ,
बिजली की सब आराइयाँ !
ले दे के मेरे पास क्या,
बाकी ये बचा है...
सूखी सी कुछ जुदाइयाँ,
भीगी सी कुछ रुबाइयाँ !
हर लुत्फ़ अकेले ही उठाने में जुटा है...
बदली की सब अँगडाइयाँ,
बिजली की सब आराइयाँ !
ले दे के मेरे पास क्या,
बाकी ये बचा है...
सूखी सी कुछ जुदाइयाँ,
भीगी सी कुछ रुबाइयाँ !