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इस तरह कुछ दिल में उसकी मेजबानी हो गई / भावना

इस तरह कुछ दिल में उसकी मेजबानी हो गई
जिस्म से जैसे कि जां तक रुत सुहानी हो गई

खिल उठे हैँ ठूंठ सारे कुछ नई कोंपल लिये
सूखते गमलों में फिर से बागवानी हो गई

ठोकरों ने इस तरह से मन को चौकस कर दिया
याद मुझको इन दिनों सब कुछ जुबानी हो गई

जिसकी मिट्टी से बना है उसका अपना आशियां
उससे मिलने में ही अक्सर आनाकानी हो गई

बोझ बस्तों का लिये चलती रही हर रोज वह
चंद ही दिन में मेरी बिटिया सयानी हो गई

चुप्पियों के बीच सहमी देश की सब हलचलें
बेजुबानों-सी हमारी राजधानी हो गई