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ईश्वर ने करी सै मेरे मन की पुरी आस / मेहर सिंह
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वार्ता- सज्जनों सावित्री अपनी सास की इतनी बात सुन कर क्या कहती है
जवाब सावित्री का
अपनी शरण मैं ले ले तेरे पाया पडुं सास
ईश्वर ने करी सै मेरे मन की पुरी आस।टेक
पिता ने जल और दूध छाण लिए
थारे बणखंड में चरण आण लिए
इतने में जाण लिए रंग और रास।
सास तेरी बहु प्रण ना हारै
मेरी सै ज्यान भरोसै थारै
खड़े धर्म कै सहारै जमीं और आकास।
थारे तै ना मन की बात कहूंगी
दुःख सुख नै आप सहूंगी
बण के रहुंगी सासू सुसरे की दास।
मेहर सिंह छोड़ सब पाप
थारे पै राजी होग्या मेरा बाप
मैं आप ही कर ल्याई थारे बेटे नै तलास।