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"उतरन-सा / अशोक शाह" के अवतरणों में अंतर

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22:14, 7 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

छाया गया सन्नाटा
पसरा अकेलापन

ऊब है घनी हुई
उदासी अधिक विरल

उतरन-सा लगता है
यह समय
अभी अभी गया है कोई
इसे पहन