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उदास मत होना मन / उर्मिल सत्यभूषण

मत रोना मत रोना मन।
उदास मत होना मन।
लपटों के घेरे हैं
फिर भी अंधेरे हैं
चारों तरफ तेरे
नागों के डेरे हैं
अंधियारा मत होना मन।
उजियारा होना मन
यादों के अंगारों से
गुलमुहर दहकेगा ही
सुधियों की सुरभि से
चन्दनवन महकेगा भी
गुलमुहर मत होना मन।
चंदन वन होना मन।
गोले बारूदें हैं, खंदक है, खाइयां हैं
योद्धा हो तुम, तुम को लड़नी लड़ाइयाँ हैं
कायर मत होना मन
वीरों सा होना मन।
दुनिया है, धोखे हैं
तुमको फंसायेंगे
चौतरफी छल के रूप
आके बहकायेंगे
उनमें मत खोना मन
वैरागी होना मन
साथी कोई नहीं तो
खुद को बना लेना
पलकों को बंदकर तुम
खुद से बतिया लेना
आंसू मत होना मन।
गीतों सा होना मन।
गीतों के फूलों से
बगिया खिल जायेगी
नग़मों की दुनिया फिर
वापिस मिल जायेगी
पत्थर मत होना मन।
फूलों सा होना मन।