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उदास रहता है बैठा शराब पीता है / मुनव्वर राना
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उदास रहता है बैठा शराब पीता है
वो जबभी होता है तन्हा शराब पीता है
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है
वो मेरे होंठों पे रखता है फूल-सी आँखें
ख़बर उड़ाओ कि ‘राना’ शराब पीता है
शब्दार्थ
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