http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A5%8B%E0%A4%A7%E0%A4%A8_/_%E0%A4%9C%E0%A4%97%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6_%27%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%27&feed=atom&action=historyउद्बोधन / जगन्नाथप्रसाद 'मिलिंद' - अवतरण इतिहास2024-03-29T06:26:03Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%89%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A5%8B%E0%A4%A7%E0%A4%A8_/_%E0%A4%9C%E0%A4%97%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6_%27%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%27&diff=134194&oldid=prevDkspoet: '{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जगन्नाथप्रसाद 'मिलिंद' |संग्रह=जीव...' के साथ नया पन्ना बनाया2011-12-26T07:43:03Z<p>'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जगन्नाथप्रसाद 'मिलिंद' |संग्रह=जीव...' के साथ नया पन्ना बनाया</p>
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{{KKRachna<br />
|रचनाकार=जगन्नाथप्रसाद 'मिलिंद'<br />
|संग्रह=जीवन-संगीत / जगन्नाथप्रसाद 'मिलिंद'<br />
}}<br />
{{KKCatKavita}}<br />
<poem><br />
मिले न ‘प्रियतम’-ज्योत्स्ना के उस<br />
महामिलन के सुख का छोर:<br />
अंतर के आनंद-सिंधु में<br />
फिर उठने दे एक हिलोर।<br />
::तोड़ एक पल में जड़ता के<br />
::शत-शत बंधन, हे स्वच्छंद!<br />
::जाग प्रेरणा की राका में<br />
::फिर मेरे प्राणों के छंद!<br />
बड़े भाग्य! पथ भूल आ गया<br />
प्रेम-पर्व भी अबकी बार;<br />
उठ, फिर तीर्थ बने त्रिभुवन का<br />
मेरे कवि-जीवन का ज्वार।<br />
::उठ, अवरुद्ध श्वास, इन उत्सुक<br />
::घड़ियों में किसका सोना;<br />
::नीरवता का वंश-खंड जब<br />
::चाह उठे वंशी होना!<br />
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