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उनकी आवाज़ बुलाती है हर क़दम के साथ / गुलाब खंडेलवाल

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उनकी आवाज़ बुलाती है हर क़दम के साथ
ज़िन्दगी दौड़ती जाती है हर क़दम के साथ

कोई यह भी तो कहो इसका नशा कैसा है
यह जो प्याली बढ़ी आती है हर क़दम के साथ

कारवाँ यों तो हज़ारों ही जा रहे उस ओर
दूर मंज़िल हुई जाती है हर क़दम के साथ

ज़िन्दगी हमको पिलाती है ज़हर के प्याले
और पायल भी बजाती है हर क़दम के साथ

आप रंगों से भरी डाल पे फूलें न, गुलाब!
सर भी नागिन ये उठाती है हर क़दम के साथ