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उन्हें ज़िन्दादिली ज़िन्दादिलों से है परेशानी / महेश कटारे सुगम

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उन्हें ज़िन्दादिली ज़िन्दादिलों से है परेशानी
तरक्की के इरादों सिलसिलों से है परेशानी

जगाना चाहते हैं क़ौम को जो नीम नींदों से
उन्हें जागे हुए इन क़ाबिलों से है परेशानी

बरसना चाहते हैं जो कहीं सूखी ज़मीनों पर
उन्हें छाए हुए उन बादलों से है परेशानी

सुकूँ देता उन्हें नफ़रत भरा माहौल उन्मादी
मुहब्बत चाहने वाले दिलों से है परेशानी

उन्हें ख़ुशहालियों के फ़लसफ़े अच्छे नहीं लगते
चहकती, गीत गाती महफ़िलों से है परेशानी