Last modified on 21 अप्रैल 2014, at 23:49

उपस्थिति / नरेश चंद्रकर

प्रेयसी पत्नी प्रबीता के लिए

तुम उपस्थिति को अर्थ देती हो
फिल्टर से छ्न कर टपकती बून्दों का सजल मध्यम स्वर
तुम्हारी धड़कनों से उठता है

नमक का स्वाद नमक की तरह नहीं लगता
कपड़ों की तह में तुम्हारे हुनर के सबूत छाए रहते हैं

तुम गिलास भर पानी भी लाती हो
तो वह सिर्फ गिलास भर पानी नहीं होता

तुम अपनी उपस्थिति में हज़ार-हज़ार तरह से शामिल रहती हो
पृथ्वी घूमती है तुम्हारे साथ

तुम हो तो उम्मीद बची है
मंगल ग्रह पर जीवन होगा

ब्रम्हाण्ड में कई सूर्य चमकते होंगे !!!