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11
तुम जीवन की हो किरन, तुम हो मेरी आस ।
यह सभी उदासी पोंछ दो, तुम मेरा उल्लास ॥
12
तुम हारे इस मोड़ पर, पहुँच गए जब पास ।
13
कहाँ छिपे हो आज तुम ,जीवन के मधुमास।
प्यासी आँखें टेरती, टिकी है तुझ तुम्हीं पर आस॥
14
पथ में चट्टानें बहुत, बहुत बिछे हैं शूल।