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"उलुव्हा सपना / लालजी राकेश" के अवतरणों में अंतर

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हाये रे | मोर उलुव्हा सपना कइसे अइलागे
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सुख वैरी पलहरा होगे, दुख हर वउछागे |
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सुख वैरी पलहरा होगे, दुख हर वउछागे I
  
 
रोज रोज आंखी म पलोये
 
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होवत बिहिनियां सुरूज़ अगोरे
 
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आस किरन म बइठे सगरो दिन हर पहागे I
 
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हाय रे| मोर उलुव्हा सपना कइसे अइलागे
  
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बस चार आंगुर के पेट भरे बर
 
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मन हर बइला बनगे, तन नागर कस फंदागे I
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हाय रे| मोर उलुव्हा सपना कइसे अइलागे I
 
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21:53, 16 अगस्त 2019 के समय का अवतरण

हाये रे I मोर उलुव्हा सपना कइसे अइलागे
सुख वैरी पलहरा होगे, दुख हर वउछागे I

रोज रोज आंखी म पलोये
बिन ढेंखरा के मन म बोये

टु कुर टु कुर रतिहा ल होरे
होवत बिहिनियां सुरूज़ अगोरे
 
आस किरन म बइठे सगरो दिन हर पहागे I
हाय रे| मोर उलुव्हा सपना कइसे अइलागे

सुख दुख के संगी मोर सपना
नींद हवै वैरी अनदेखना

वइहर ल मैं तन म झोले
भाग रेख मा बांधे तभोले

करम के हांडी ल कइसे बूंद बूंद चुचुवागे
हाये रे| मोर उलुव्हा सपना कइसे अइलागे

ज़ोर ज़ोर सुरता के तगाड़ी
हांकत हौं गिरहस्ती के गाड़ी

सांझ बिहिनियां आठो पहर
बस चार आंगुर के पेट भरे बर

मन हर बइला बनगे, तन नागर कस फंदागे I
हाय रे| मोर उलुव्हा सपना कइसे अइलागे I