उसकी प्यास प्रबल कितनी थी?
सम्मुख पाकर
मधु, विष के लहराते सागर
मधु पर झुककर भी
लेकिन कुछ
सोच, समझ कर;
प्यासी दृष्टि डाल उस पर जो केवल विष पी पाया!
उसकी प्यास प्रबल कितनी थी?
उसकी प्यास प्रबल कितनी थी?
सम्मुख पाकर
मधु, विष के लहराते सागर
मधु पर झुककर भी
लेकिन कुछ
सोच, समझ कर;
प्यासी दृष्टि डाल उस पर जो केवल विष पी पाया!
उसकी प्यास प्रबल कितनी थी?