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"उसकी मर्ज़ी का भी थोड़ा करना है / दीपक शर्मा 'दीप'" के अवतरणों में अंतर

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उसकी मर्ज़ी का भी थोड़ा करना है  
 
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अपनी मर्ज़ी से भी हमको लड़ना है I
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लुटने वाले लुटकर भी खुश बैठे हैं  
 
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लूट गया जो उसको काफ़ी भरना है I
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लूट गया जो उसको काफ़ी भरना है  
  
होना होगा , जो भी होगा , देखेंगे  
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होना होगा,जो भी होगा, देखेंगे  
इतना भी क्या यारों उससे डरना है I
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कितनी भी सूखी हो आँखें सदियों से  
 
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लेकिन इतना तय है उनमें झरना है I
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एक बार ही मर जाओ ना 'दीप' मियाँ  
 
एक बार ही मर जाओ ना 'दीप' मियाँ  
रोज़-रोज़ का मरना , कोई मरना है ?
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रोज़-रोज़ का मरना, कोई मरना है  
 
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00:06, 19 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

 
उसकी मर्ज़ी का भी थोड़ा करना है
अपनी मर्ज़ी से भी हमको लड़ना है

लुटने वाले लुटकर भी खुश बैठे हैं
लूट गया जो उसको काफ़ी भरना है

होना होगा,जो भी होगा, देखेंगे
इतना भी क्या यारो उससे डरना है

कितनी भी सूखी हो आँखें सदियों से
लेकिन इतना तय है उनमें झरना है

एक बार ही मर जाओ ना 'दीप' मियाँ
रोज़-रोज़ का मरना, कोई मरना है