उसके हाथ में तीन इक्के थे
उसने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया
और जीत की खुशी में इतनी जोर से चीखा
कि उसकी नींद खुल गई
और पाया कि,
वह पड़ा है असहाय और एकांत
हो गया ख़ामोश।
हारा हुआ जुआरी
बार-बार हारने बावजूद
देखता है सपने जीत के
इस तरह हो जाता है, धीरे-धीरे , बेख़बर
हक़ीक़त की दुनिया से ।