http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%89%E0%A4%B8_%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F_%E0%A4%A4%E0%A5%88%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%A8%E0%A4%BE_/_%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE_%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%A3&feed=atom&action=historyउस दिन के लिए तैयार रहना / कविता किरण - अवतरण इतिहास2024-03-28T08:20:40Zविकि पर उपलब्ध इस पृष्ठ का अवतरण इतिहासMediaWiki 1.24.1http://kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%89%E0%A4%B8_%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F_%E0%A4%A4%E0%A5%88%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0_%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%A8%E0%A4%BE_/_%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE_%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%A3&diff=213914&oldid=prevAbhishek Amber: कविता2016-10-02T21:23:03Z<p>कविता</p>
<p><b>नया पृष्ठ</b></p><div>{{KKGlobal}}<br />
{{KKRachna<br />
|रचनाकार=कविता किरण<br />
|संग्रह=<br />
}}<br />
{{KKCatKavita}}<br />
<poem><br />
तुम पूरी कोशिश करते हो<br />
मेरे दिल को दुखाने की<br />
मुझे सताने की<br />
रुलाने की<br />
और इसमें पूरी तरह कामयाब भी होते हो---<br />
सुनो!<br />
मेरे आंसू तुम्हे<br />
बहुत सुकून देते हैं ना!<br />
तो लो..<br />
आज जी भर के सता लो मुझे<br />
देखना चाहते हो ना मेरी सहनशक्ति की सीमा<br />
तो लो..<br />
आज जी भर के<br />
आजमा लो मुझे<br />
और मेरे सब्र को<br />
पर हाँ!<br />
फिर उस दिन के लिए तैयार रहना<br />
कि जिस दिन मेरे सब्र का बाँध टूटेगा<br />
और बहा ले जायेगा तुम्हे<br />
तुम्हारे अहंकार सहित इतनी दूर तक<br />
कि जहाँ तुम<br />
शेष नहीं बचोगे मुझे सताने के लिए<br />
मेरा दिल दुखाने के लिए<br />
मुझे आजमाने के लिए<br />
पड़े होंगे पछतावे और शर्मिंदगी की रेत पर<br />
अपने झूठे दम्भ्साहित<br />
कहीं अकेले--<br />
उस दिन के लिए<br />
तैयार रहना--<br />
तुम!<br />
</poem></div>Abhishek Amber