भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उस स्त्री के बारे में / संध्या गुप्ता

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

करवट बदल कर सो गई
उस स्त्री के बारे में तुम्हे कुछ नहीं कहना!

जिसके बारे में तुमने कहा था
उसकी त्वचा का रंग सूर्य की पहली किरण से
मिलता है

उसके खू़न में
पूर्वजों के बनाए सबसे पुराने कुएँ का जल है

और जिसके भीतर
इस धरती के सबसे बड़े जंगल की
निर्जनता है

जिसकी आँखों में तुम्हें एक पुरानी इमारत का
अकेलापन दिखा था
और....जिसे तुम बाँटना चाहते थे
जो... एक लम्बे गलियारे वाले
सूने घर के दरवाज़े पर खड़ी
तुम्हारी राह तकती थी !