Last modified on 29 अप्रैल 2015, at 15:37

ऊना सा पाणी ठंडा वई रया रे / मालवी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

डळी बाई ना आंगणे चार खुणी बावड़ी
चार खुण्यो कुंड
कणे म्हारो नीर झकोल्यो
रूणीजा रा देव रामदेव जी नीर झकोल्यो
वणे असनान करिया
सुगणा बई रा आंगणे चम्पो मोगरो
कणे चंपो मरोड़ियो
रूणीजा रा देव रामदेव जी
वणाए चंपो मरोड़ियो