ऎसा क्यों होता है-
कि कविता की बात
कवि तक नहीं सुनता
वह
बिचारी कहती रहती है-
मैं फ़िलहाल
हाज़िर नहीं हूँ
मैं मेडिकल-लीव पर हूँ
और कवि
गोष्ठयों-सभाओं में कहता रहता है
-यह रही मेरी ताज़ा कविता
कि मैंने आज ही लिखी है
ऎसा क्यों होता है-
कि पाठक और आलोचक
कवि की बात सुनते हैं
कविता की नहीं