Last modified on 20 जुलाई 2021, at 16:17

एक अजनबी से भेंट / अलित्सिया कुबेर्स्का / पंखुरी सिन्हा

बिजली की गति से जैसे टकराए हम
और खड़े रहे, भौंचक !
एक ऐसी अप्रत्याशित मुलाक़ात
थी यह ! तार्किक दृष्टि से
असम्भव सी मुलाकात !

हो सकता है, हम किसी रेस्तराँ के
बार में अलग-अलग मेज़ों पर मिले हों
फिर निकल गए हों बाहर और गुज़रे हों एक दूसरे की बग़ल से
किसी सड़क पर !
बैठे हों चुपचाप, एक दूसरे की बग़ल में लोकल ट्रेन में !

यक़ीनन, हमने आदान-प्रदान किया
कुछ विवादास्पद ख़यालों का !
और साझा किए कुछ ख़ुफ़िया
चुप्पे से सपने और विचार !

एक ईमानदार बातचीत ज़्यादा आसान है
उस व्यक्ति के साथ
जिसका कोई चेहरा नहीं होता !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : पंखुरी सिन्हा