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एक अन्धेरी भीड़ / कात्यायनी

एक अन्धेरी भीड़
उसके आसपास फुँकार रही थी।
विश्वासघात किया था
उस स्त्री ने।
पूरा विश्वास किया गया था
उस स्त्री पर
जिसे तोड़कर उसने
ख़ुद को विश्वास दिलाया था
कि वह जीवित है।
अब वह निर्भीकता से खड़ी थी
मृत्यु के सामने।

रचनाकाल : अगस्त, 1996