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एक अहसास / सुरजीत पातर

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एक अहसास

इधर डूबता सूरज है
उधर झड़ते पत्ते हैं
इधर विह्वल नदी है
उधर सूना पथ है

मेरे चारों ओर ये
दर्पण क्यों लटका दिए

अनुवाद: चमन लाल